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- न्यू फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित हुए पीएचसी/ सीएचसी अनुमंडल अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल से आए चिकित्सक
- मास्टर ट्रेनर के रूप में सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राम प्रवेश प्रसाद ने सभी चिकित्सकों को दिया प्रशिक्षण
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विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर मंगलवार को न्यू फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल सभागार में डेंगू और चिकनगुनिया के क्लिनिकल मैनेजमेंट पर चिकित्सा पदाधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस आशय कि जानकारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीडीसीओ) डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 20 अगस्त 1897 को ब्रिटिश चिकित्सक सर डोनाल्ड रॉस के द्वारा मलेरिया कि बीमारी फैलाने वाली मादा एनोफिलिज मच्छर कि खोज की थी। उनकी इस खोज के लिए बाद में उन्हें चिकित्सा जगत का सर्वोपरि पुरस्कार नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्होंने बताया कि एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सदर अस्पताल मुंगेर के अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर रमन कुमार, निजी नर्सिंग होम सेवायान से डॉक्टर बी बी बॉस, डॉक्टर श्रवण ठाकुर, डॉक्टर सुनील कुमार गुप्ता, डॉक्टर दीपक कुमार, नेशनल हॉस्पिटल के प्रतिनिधि, अनुमंडल अस्पताल तारापुर और हवेली खड़गपुर के प्रभारी उपाधीक्षक, पीएचसी/सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य चिकित्सक, वीडीसीओ संजय कुमार विश्वकर्मा, डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेंगू और चिकनगुनिया के क्लिनिकल मैनेजमेंट पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए मास्टर ट्रेनर के रूप में मौजूद सदर अस्पताल मुंगेर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राम प्रवेश प्रसाद ने बताया कि मच्छरों से होने वाली प्रमुख बीमारियों में डेंगू प्रमुख है जो संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मच्छर से होने वाली बीमारियां संक्रमित व्यक्ति से सीधे किसी स्वस्थ्य व्यक्ति में नहीं होता है। बल्कि बीमारी से संक्रमित व्यक्ति से मच्छर खून चूसता है फिर एक सप्ताह में इस मच्छर के लार्वा से होने वाले मच्छर के काटने से बीमारी होता है। उन्होंने बताया कि डेंगू कि बीमारी में व्यक्ति का ब्लड प्लेटलेट्स लेवल काफी घट जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति अलग से ब्लड प्लेटलेट्स चढ़ाना होता है। बदन दर्द, तेज बुखार, सर और जोड़ों का दर्द डेंगू बीमारी के प्रमुख लक्षण है।
जिला के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि मच्छरों का जीवन चक्र चार भागों में होता है। अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क मच्छर। मच्छर को इस जीवन चक्र को पूरा करने के लिए जमा या स्थिर पानी कि आवश्यकता होती है। नर मच्छर प्रायः पौधों के रस पर निर्भर रहते हैं लेकिन मादा मच्छर को पौधों के रस के अलावा मानव या पशु के रक्त कि आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक है कि अपने आसपास साफ सफाई के साथ पानी जमा नहीं होने दें और नियमित रूप से मच्छरदानी का इस्तेमाल करें ।
रिपोर्टर
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Dr. Rajesh Kumar