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— 10 अगस्त से शुरू होने वाले एमडीए के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खाने की कर रही अपील
— सुरजगढ़ा प्रखंड के बरियारपुर गांव की रहने वाली है
लखीसराय-
फाइलेरिया बोझिल है। यह शरीर को अपंग बनाती है। यह बीमारी न हमें जीने देती है और न मरने ही..यह बातें सुरजगढ़ा प्रखंड के बरियारपुर गांव की रहने वाली कौशल्या देवी कहते हुए थोड़ी मायूस हो जाती है। अपनी कहानी बताते हुए कौशल्या कहती हैं, जो गलती मैंने की वह आप में से कोई नहीं करना। सर्वजन अभियान के दौरान हर वर्ष आशा दीदी मेरे दरवाजे आती थी,पर मैं उन्हें लौटा देती। कहती कि मुझे कोई बीमारी नहीं है। जब मुझे फाइलेरिया ने धीरे —धीरे गिरफ्त में लिया तब पता चला यह फाइलेरिया बीमारी की नहीं उस बीमारी से बचने की दवा थी।
कौशल्या आगे कहती हैं कि पिछले चार साल से इस बीमारी ने मुझे अपंग बना दिया है। घर के काम करने में भी दिक्कत होती है। समाज के बीच बैठने में झिझक अलग। मेरे ही शरीर का एक अंग मेरे लिए बोझ बन गया है।
एमडीए के दौरान फैलाएगीं जागरूकता
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद कहते हैं कौशल्या से मिलने के बाद उन्हें सर्वजन दवा अभियान और उसकी महत्ता के बारे में बताया गया। उन्होंने विभाग से वायदा किया है कि अब वह एमडीए के दौरान अपने गांव के लोगों के अलावा जिनसे भी मिलेगी फाइलेरिया रोधी दवा खाने की अपील जरुर करेंगी। कौशल्या को फाइलेरिया है। एमएमडीपी किट भी उन्हें प्रदान कर उसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी जाएगी,ताकि उनके रोग को और बढ़ने से रोका जा सके।
फाइलेरिया उन्मूलन हेतु दवा खाना है बहुत जरुरी
- फाइलेरिया क्या है ?
- फाइलेरिया फ्युलेक्स एवं मैनसोनाइडिस प्रजाति मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोशील (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
- फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- एल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha