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स्वास्थ्य विभाग से परिवार नियोजन काउंसलर ,एएनएम एवं आशा एवं जीविका से CM, CNRP का योगदान महत्वपूर्ण ।
सामूहिक सहभागिता से बदलेगी तस्वीर
लखीसराय -
बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता महत्वपूर्ण है। इसको लेकर सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी चलाये जाते हैं। सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक सहभागिता भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता के लिए बेहद जरूरी है। दो बच्चों में 3 वर्ष का अंतराल एवं शादी के बाद पहले बच्चे के जन्म में 2 वर्ष का अंतराल रखने की सोच के बाद भी महिलाएं परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। सभी प्रखंड में ऐसे क्षेत्र को चुनते हुए जागरूक करना होगा जहां लोग अभी भी परिवार नियोजन की सुविधा से अछूते हैं और प्रजनन दर अधिक है। इससे ‘अनमेट नीड’ में कमी लाई जा सकती है।
क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की भूमिका :
सैंपल रेजिस्ट्रेसन सर्वे-के आंकड़ों के अनुसार बिहार की कुल प्रजनन दर 3 है। इसका अर्थ है कि बिहार में प्रति महिला बच्चों की संख्या 3 है। इसके तहत गर्भनिरोधक साधनों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया है। इसके लिए आशा एवं एएनएम को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया है। महिला एवं पुरुष नसबंदी के लिए उत्प्रेरक को 300 एवं 400 प्रतसाहन राशि का प्रावधान है।
जिले में स्थिति:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, जिले में कुल 11.6 प्रतिशत अनमेट नीड है। आशय यह है कि जिले में 11.6 प्रतिशत महिलाएं बच्चों में अंतराल एवं परिवार सीमित करना चाहती हैं, लेकिन किसी कारणवश वह परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। जबकि जिले में 6.4 प्रतिशत ऐसी महिलाएं भी हैं जो बच्चों में अंतराल रखने के लिए इच्छुक हैं लेकिन किसी परिवार नियोजन साधन का प्रयोग नहीं कर रही हैं।
सामूहिक सहभागिता जरूरी :
जिला अपर मुख्य चिकित्सा-पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि अनमेट नीड परिवार नियोजन में बाधक है। इसके लिए जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए सामूहिक सहभागिता की जरूरत है। जिसमें अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। इससे अनमेट नीड में और कमी देखने को मिलेगी।
ये हैं अनमेट नीड के कारण:
• परिवार नियोजन के प्रति पुरुषों की उदासीनता/ भागीदारी की कमी
• सटीक गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी नहीं होना
• परिवार के सदस्यों या अन्य नजदीकी लोगों द्वारा गर्भनिरोधक का विरोध
• साधनों के साइड इफैक्ट को लेकर भ्रांतियाँ
• परिवार नियोजन के प्रति सामाजिक एवं पारिवारिक प्रथाएँ
• मांग के अनुरूप साधनों की आपूर्ति में कमी
• परिवार नियोजन की साधनों के प्रति संकोच की भावना ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha