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- आरबीएसके टीम के सहयोग से मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना अंतर्गत बच्चों को चिह्नित कर कराया जा रहा है इलाज
- जिले के 19 बच्चे हो चुके हैं पूरी तरह स्वस्थ, स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी
लखीसराय, 19 जनवरी -
लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने को लेकर जहाँ सरकार पूरी तरह गंभीर है, वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए आरबीएसके टीम की पहल पर सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत जिले के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे हैं। साथ ही बच्चों को नई स्वस्थ जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है । ऐसे बच्चों को जिले की आरबीएसके टीम द्वारा स्क्रीनिंग कर चिह्नित किया जा रहा और आवश्यकता के अनुसार समुचित इलाज के लिए पटना या अहमदाबाद भेजा जा रहा है। जहाँ बच्चों का सरकारी स्तर से निःशुल्क समुचित इलाज हो रहा है।
- हृदय रोग के बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ .बी .पी . सिन्हा ने बताया, हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसके पैर टेढ़े-मेढ़े हैं , उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है। इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उसके अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।
- जिले के 19 बच्चे पूरी तरह हो चुके हैं स्वस्थ :
प्रभारी शहरी स्वास्थ्य सलाहकार सह आरबीएसके जिला कोऑर्डिनेटर डाॅ शिवशंकर कुमार ने बताया, कि जिले में अबतक 19 बच्चे जो हृदय रोग से ग्रसित थे उनका सफल इलाज हो चुका है । समय पर इलाज शुरू होने से जिले के बच्चे अब तक पूरी स्वस्थ हो चुके हैं। । पहले बच्चों को प्रारंभिक जाँच के लिए आईजीआईसी (पीएमसीएच) पटना भेजा जाता है। ,वहाँ जाँच होने के बाद सफल इलाज हेतु अहमदाबाद के श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा जाता है ।
- स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन :
डॉ शंकर ने बताया कि बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे का बाल हृदय योजना के तहत सरकार द्वारा पूरी निःशुल्क इलाज कराया जाता है। यही नहीं, इलाज के साथ-साथ इलाज के लिए आने-जाने का खर्च पीड़ित बच्चा सहित उनके अभिभावक का सरकार ही वहन करती है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske