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- इसके बाद जिले के बड़हिया और पिपरिया प्रखण्ड में किया जाएगा दवा का छिड़काव
- 15 जुलाई से सितंबर महीने तक कुल 66 कार्य दिवस में किया जाएगा दवा का छिड़काव
लखीसराय, 15 जुलाई-
जिला के लखीसराय सदर और सूर्यगढ़ा प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार से लोगों को कालाजार जैसी बीमारी से बचाने के लिए कालाजार की दवा सिंथेटिक पायरोथाइराइड का घर- घर छिड़काव शुरू हो गया । इसके बाद जिले के बड़हिया और पिपरिया प्रखंड में दवा का छिड़काव होगा । मालूम हो बिहार स्वास्थ्य सेवा के रोग नियंत्रण विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने विगत 2 जुलाई को राज्य के 32 जिला के जिलाधिकारी, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को कालाजार नियंत्रण को ले 2021 के द्वितीय (जुलाई- सितंबर) के कुल 66 कार्य दिवस में सिंथेटिक पायरोथाइराइड दवा के घर- घर छिड़काव को ले एक चिट्ठी जारी की थी ।
लखीसराय सदर और सूर्यगढ़ा में दवा का छिड़काव शुरू
लखीसराय के वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया कि गुरुवार से जिला के लखीसराय सदर और सूर्यगढ़ा में हैंड कम्प्रेशन मशीन के साथ-साथ बाल्टी, गैलन और एसपी मग के द्वारा कालाजार से बचाव के लिए दवा का छिड़काव शुरू हो गया। इन दोनों जगहों पर छिड़काव का काम पूरा हो जाने के बाद अगले चरण में बहहिया और पिपरिया में घर- घर जाकर दवा का छिड़काव किया जाएगा। 7.5 लीटर पानी में 125 ग्राम सिंथेटिक पायरोथाइराइड का घोल तैयार होगा जिसका छिड़काव छत को छोड़कर घरों के सभी दीवारों के साथ ही गौशाला में भी किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता के द्वारा उनके क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 1000 जनसंख्या को दो दिन पहले छिड़काव की सूचना देने और उनके घरों में पूर्ण छिड़काव कराने के लिए छिड़काव दल के साथ छिड़काव के दिन भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में 200 रुपये प्रति आशा दी जाएगी । उन्हें यह राशि अश्विन पोर्टल के नियमानुसार स्टेट हेल्थ सोसाइटी के द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी प्रत्येक 15 दिन पर छिड़काव के बाद छिड़काव कर्मियों की मजदूरी का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम स्वयं करेंगे। इसके बाद व्यक्तिगत राशि को टैली के माध्यम से एफएम आर कोड में ससमय प्रविष्ट करेंगे।
प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर तथा प्रतिदिन शाम में ब्रीफिंग के माध्यम से समीक्षा होगी
उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी पर्यवेक्षण पर निगरानी करेंगे। इसके साथ ही सभी जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी जिले के सभी प्रभावित प्रखण्डों में सात दिवसीय माइकिंग के माध्यम से छिड़काव की तिथि एवं इससे पूर्व घरेलू स्तर पर की जाने वाली तैयारियों एवं छिड़काव से होने वाले लाभ एवं बचाव संबंधी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने बताया कि दो माह तक चलने वाले इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे चक्र के दौरान प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर तथा प्रतिदिन शाम में ब्रीफिंग के माध्यम से समीक्षा की जाएगी । इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित पीएचसी क्षेत्र में बाढ़ के बाद छिड़काव किया जाएगा।
रिपोर्टर
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Swapnil Mhaske