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विटामिन ए व सी खाद्य पदार्थ के साथ लौह तत्वयुक्त चीजों का करें भरपूर सेवन सेवन
एनीमिया होने की संभावना किशोरावस्था और गर्भावस्था में सबसे अधिक रहती है
लखीसराय-
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स) या हीमोग्लोबिन की संख्या कम हो जाती है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो रक्त में ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। जब लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की संख्या कम होती है, तो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे थकान, कमजोरी और सांस फूलने जैसे लक्षण हो सकते हैं.
सिविल -सर्जन डॉ बीपी सिन्हा कहते हैं एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए आहार में बदलाव ही सबसे सरल उपाय है. एनीमिया के दौरान प्रोटीन युक्त खाने के साथ लिए लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें. जैसे कि पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूँगफली , मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें . जो कि आपके शरीर की कमी को पूरा करता है एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होती है साथ ही इससे आपको एनीमिया जैसी बीमारी से बचाव भी मिल जाता है. साथ ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में इलाज हेतु जरुर जायें .
डॉ सिन्हा ने बताया की यह बीमारी महिलाओं में अधिक पाई जाती है. खासकर गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण करना पड़ता है. जिसमें कमी होने के कारण एनीमिया होने की प्रबल संभावना हो जाती है. इसलिए गर्भवती महिला को गर्भधारण के दौरान लगातार हीमोग्लोबिन समेत अन्य आवश्यक जाँच करानी चाहिए एवं चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए.
उन्होंने बताया की अक्सर देखा जाता है की किशोरावस्था के लोग जंकफूड एवं अन्य पेय पदार्थ का सेवन करते रहते हैं .प्रोटीनयुक्त खाने का सेवन काम करते हैं जिसके कारण वो एनीमिया का शिकार आसानी से हो जाते हैं .इसके लिए जरुरी है की बाहर के खाने से बचें एवं स्वास्थ्य को मजबूती प्रदान करने वाले आहार पर ध्य्कान दें .
- ये हैं एनीमिया के लक्षण :-
एनीमिया के लक्षणों में थकान, कमजोरी, सांस फूलना, चक्कर आना, त्वचा का पीला पड़ना, और सिरदर्द शामिल हैं.
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha