Breaking News
Trending
- सदर अस्पताल के जीएनएम् स्कूल सभागार में दिया गया टीओटी प्रशिक्षण
- आगामी 10 फरवरी से जिला के सभी प्रखंडों में लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया कि दवा
खगड़िया 8 जनवरी 2024 :
आगामी 10 फरवरी से जिला के सभी प्रखंडों में शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) राउंड कि सफलता को ले बुधवार को जिले के जीएनएम् स्कूल सभागार में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल-सर्जन डॉ रमेंद्र कुमार के द्वारा उपस्थित सभी अधिकारियों को एमडीए राउंड के लिए जल्द से जल्द माइक्रो प्लान तैयार कर भेजने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एमडीए राउंड 14 दिन के बजाय कुल 17 दिनों का होगा। जीसमें शुरू के 14 दिनों में आशा दीदी के द्वारा घर घर जाकर दवा का सेवन कराया जाएगा, ततपश्चात बाद के अंतिम 3 दिनों तक लोगों को आशा कार्यकर्ता के द्वारा क्षेत्र में मौजूद सरकारी स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों, शिक्षक शिक्षिकाओं सहित अन्य स्कूल के स्टाफ को फाइलेरिया कि दवा खिलानी है और उसके बाद उनके उंगली में मार्क लगाना है जैसे चुनाव के वक्त लगाया जाता है। इसके लिए अलग से माइक्रो प्लान बनाया जाना है। दवा खिलाने के बाद चौक या गेरू कि मदद से घर कि दीवारों पर मार्किंग करेगी। इसके लिए अलग से माइक्रो प्लान बनाना है। इस दौरान प्रखंड स्तर पर कार्यरत सीएचसी/पीएचसी लेवल पर भी बूथ लगाकर वहां आने- जाने वाले सभी लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाया जाना है। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल पर दवा सेवन और डोर टू डोर दवा सेवन करवाने के बाद प्रॉपर तरीके से उसकी रिपोर्टिंग भी करनी है। जैसे बूथ लेवल के लिए टैली सीट पर और डोर टू डोर के लिए पारंपरिक तरीके से दिए गए प्रारूप के अनुसार। उन्होंने बताया कि इस बार स्वीकृति एप पर एमडीए राउंड कि ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी है।
पीपीटी स्लाइड के माध्यम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट बबलू सहनी ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार के द्वारा दो प्रकार का कार्य किया जा रहा है। पहला सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) इसके अंतर्गत साल में एक बार फाइलेरिया रोगियों सहित सभी लोगों को फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया जाता है। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को
फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलाया जाता है। दूसरा कार्य रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता से बचाव (एमएमडीपी) इसके अंतर्गत एमएमडीपी क्लिनिक के माध्यम से हाथीपांव का प्रबंधन, एक्यूट अटैक का प्रबंधन, हाइड्रोसिल का ऑपरेशन के साथ- साथ प्रतिदिन साफ- सफाई और एक्सरसाइज के बारे में बताया जाता है। उन्होंने बताया कि एमडीए राउंड कि सफलता को लिए प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ता सहित अन्य लोगों के लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ट्रेनिंग, ब्लॉक कोऑर्डिनेशन कमेटी कि मीटिंग के साथ- साथ प्रतिदिन इवनिंग मीटिंग भी करना है। इसके अलावा किसी भी एडवर्स कंडीशन के निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन करना है।
इस मौके पर डॉक्टर रविंद्र नारायण चौधरी एवं विजय कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रभात कुमार राजू और जिला के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित प्रखंड -स्तरीय सभी स्वास्थ्य कर्मी , मो शाहनवाज आलम,श्वय सांची पंडित पिरामल के टीम लीड्स सिराज हसन, प्रोग्राम लीड करण कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर श्रवण कुमार श्वेता कुमारी , आदि मौजद रहे।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar