• अभियान के अनुश्रवण में कॉल सेंटर की भूमिका सराहनीय: डॉ. परमेश्वर प्रसाद
• कॉल सेंटर सुकृत्य एप में ससमय आंकड़ों डालने की जरुरत पर दे रहा बल
पटना-
एमडीए कार्यक्रम राज्य के 24 जिलों में 10 फ़रवरी से एमडीए अभियान संचालित किया जा रहा है. छूटे हुए लोगों तथा दवा खाने से इंकार करने वाले लोगों को दवा खिलाने के लिए उक्त जिलों में एक सप्ताह तक मॉप अप अभियान चलाया जा रहा है. एमडीए कार्यक्रम के दौरान नियमित अनुश्रवण एक चुनौती साबित हो रही है. इसे ध्यान में रखते हुए सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के नेतृत्व में तथा पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से 104 कॉल सेंटर एमडीए कार्यक्रम के अनुश्रवण में अहम् भूमिका निभा रहा है.
जिलों के किये गए 3225 कॉल:
अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि 104 कॉल सेंटर जिलों से सीधे संवाद का बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. इससे एमडीए अभियान की तैयारी एवं संचालन का अनुश्रवण करने में मदद मिल रही है. उन्होंने बताया कि 104 कॉल सेंटर द्वारा जिलों को 3225 कॉल किये गए हैं. कॉल सेंटर के माध्यम से एमडीए कार्यक्रम के जरुरी बिन्दुओं को जिला तक पहुंचाने एवं किसी भी समस्या का त्वरित निपटारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर के माध्यम से सुकृत्य एप में ससमय आंकड़ों को अपलोड करने, कार्यक्रम का नियमित अनुश्रवण जिला एवं प्रखंड स्तर तक करने मदद मिल रही है.
104 कॉल सेंटर से इन बिंदुओं पर पर रहा प्रभाव:
• सुकृत्य एप पर सभी पेंडिंग आंकड़ों के लिए समंवय स्थापित
• स्वास्थ्य अधिकारीयों से एमडीए अभियान की प्लानिंग के लिए सीधा संवाद
• सभी जिलों के रियल टाइम डाटा अपडेट करने में सहूलियत
• रिफ्युजल एवं मॉप अप अभियान की रणनीति तय करने में मदद
• दवाओं की उपलब्धता एवं ससमय रिपोर्टिंग में मदद
• सामुदायिक सहभागिता के लिए पंचायती राज के अधिकारीयों से समंवय
• एडवर्स रिपोर्ट एवं रिफ्युजल का त्वरित निपटारा
• क्षेत्र में एमडीए अभियान में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद
• बेहतर काम करने वालों को चिन्हित कर उनकी प्रशंसा करना
पूछे जा रहे सवाल:
104 कॉल सेंटर के माध्यम से जिला के स्वास्थ्य अधिकारीयों एवं कर्मियों से एमडीए की तैयारी से लेकर एमडीए अभियान के क्रियान्वयन से कई सवाल पूछ कर इसका पर्यवेक्षण किया जा रहा है. जिसमें सभी 24 जिलों के सिविल सर्जन, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, डीसीएम, जिला मुल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, डीपीसी/डीआईओ एवं बीसीएम से नियमित संवाद स्थापित कर सवाल पूछे जा रहे हैं. पूछे जा रहे सवालों में सुकृत्य एप में पेंडिंग आंकड़ों के बारे में क्या किया जा रहा है, नियमित रूप से ससमय आंकड़ों को अपलोड क्यूँ नहीं किया जा रहा है, आपके जिले में रिफ्युजल की संख्या अधिक है, उसे कन्वर्ट करने के लिए क्या किया जा रहा है एवं मॉप अप के लिए क्या कार्ययोजना है, एमडीए अभियान की ड्रग सुपरवाइजर की इन्वेंटरी रिपोर्ट एवं डेली मॉनिटरिंग रिपोर्ट बीसीएम द्वारा पूरी एवं सही तरीके से नहीं बनायी जा रही है, इसके पीछे क्या कारण है।
रिपोर्टर
Harshada Shah
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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