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— जिला कर जा सकता है स्वास्थ्य केंद्र के नाम में बदलाव
— 507 एचडब्ल्यूसी के नेशनल सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू
पटना-
स्वास्थ्य संस्थानों पर सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए उनका सर्टिफिकेशन कराया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य के 542 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का इंटरनल असेसमेंट कराया जाएगा। यह इंटरनल असेसमेंट जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से की जाएगी। असेसमेंट के दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के 12 सेवाओं के गुणवत्ता की जांच कर प्रत्येक सेवाओं के लिए अंक दिए जाएँगे। राज्य की ओर से जिलों को उपलब्ध कराए गए एचडब्ल्यूसी के नाम में जिले बदलाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य स्तर पर एनक्यूएएस से प्रमाणित 507 एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणीकरण के लिए आवेदित किया जा रहा है। एनक्यूएएस के नेशनल असेसर डॉ माहताब सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्तर के एनक्यूएएस के सर्टिफिकेशन से वहां उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के साथ प्राथमिक स्तर की चिकित्सकीय सुविधाएं भी बढेंगी। ग्रामीण लोगों के समय और पैसे की बचत भी संभव हो पाएगी।
2025 तक सभी कार्यरत एचडब्ल्यूसी को किया जाना है प्रमाणित
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में कार्यरत सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 2025 के अंत तक एनक्यूएएस से प्रमाणित करने का लक्ष्य रखा है। एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध कई सेवाओं की जांच की जाती है। यह जांच दो स्तर पर इंटरनल और एक्सटर्नल होती है। मूल्यांकन में जिन सेवाओं की जांच की जाती हैं उनमें सर्विस प्रोविजन, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम, पेशेंट राइट्स सहित अन्य सेवाएं शामिल हैं। इन सभी सेवाओं में एक निर्धारित अंक स्वास्थ्य संस्थानों को हासिल करने के साथ इसे सस्टेन भी करना होता है। राज्य में जिला स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों से समुदाय स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इससे समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
रिपोर्टर
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Dr. Rajesh Kumar