-परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर राज्य सरकार देती है प्रोत्साहन राशि : योगेश
मैंने अपनी सभी बहुओं को परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए किया जागरूक : सुरेश
मुंगेर-
बच्चों की अच्छी परवरिश शिक्षा-दीक्षा के लिए मैंने बंध्याकरण कराया। उक्त बातें सदर अस्पताल में महिला बंध्याकरण कराने पहुंची विषहरी स्थान लल्लू पोखर निवासी राज कुमार साहनी के 30 वर्षीया पत्नी पूनम देवी ने कही। वे बीते 10 अप्रैल को सदर अस्पताल में अपना बंध्याकरण कराया। उन्होंने बताया कि मेरे पति राज कुमार साहनी, ससुर सुरेश साहनी सहित परिवार के सभी लोग मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। मेरे अभी कुल 4 बच्चे हैं । जिसमें 12 वर्षीय राहुल कुमार, 7 वर्षीया शिवानी कुमारी, 4 वर्षीया आयुषी कुमारी और सवा साल का गोलू कुमार है। मेरे परिजन बहुत पहले से ही बंध्याकरण के लिए कह रहे थे । लेकिन कुछ परेशानी की वजह से मैं नहीं करवा पा रही थी। मुझे इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि सरकारी अस्पताल में निः शुल्क बंध्याकरण के साथ- साथ प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। इसी दौरान आशा माला देवी ने मुझे अस्पताल में निः शुल्क बंध्याकरण और मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के स्थायी साधन अपनाने के बाद ही बच्चों के सही तरीके से परवरिश की जा सकती है। ऐसा नहीं होने पर आज कि इस मंहगाई भरे दौर में जब पूरा परिवार मजदूरी पर टीका हुआ है हमलोग अपने बच्चों को न तो अच्छा स्वास्थ्य दे सकते हैं और न ही अच्छी शिक्षा। इसके अलावा बच्चों के रहन - सहन, खान- पान की भी अच्छी सुविधा उपलब्ध कराना हमलोग जैसे लोगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बंध्याकरण के लिए मैं सदर अस्पताल में लगभग 24 घंटा भर्ती रही। इस दौरान डॉक्टर, नर्स सहित सभी अस्पताल के कर्मियों का पूरा सहयोग मिला, किसी तरह कि कोई परेशानी महसूस नहीं हुई।
मैंने अपनी सभी बहुओं को परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए किया जागरूक : मजदूरी करके परिवार के सभी 22 सदस्यों का भरण पोषण करने वाले पूनम देवी के ससुर और राज कुमार साहनी के पिता सुरेश साहनी ने बताया कि मैंने अपनी तीन बहुओं को उन्हें परिवार नियोजन के महत्व को समझाते हुए और परिवार कि खुशहाली के लिए महिला बंध्याकरण करवाया है। मैंने सभी बहुओं को दो से तीन बच्चा होने के बाद बंध्याकरण करवाने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन खुद के, अपने परिवार के विकास के साथ- साथ राज्य और देश के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसके बिना हमलोग अपने बच्चों को न तो रहने के लिए पर्याप्त जगह दे सकते हैं, न उसका सही तरीके से पालन- पोषण कर सकते है और न ही उसको अच्छा जीवन स्तर ही दें सकते हैं।
पूनम देवी कि सास सीता देवी ने बताया कि पहले के जमाने में ऐसा सोच था परिवार में जितने अधिक लोग होंगे गांव समाज में उसका उतना ही अधिक वर्चस्व कायम होगा लेकिन इस दौरान लोग यह नहीं समझ पाते थे कि परिवार में अधिक बच्चे होने पर किसी भी बच्चे को ठीक ढंग से पढ़ा- लिखा नहीं पाएंगे । इसके कारण उनके आने वाली पीढ़ी भी उन्हीं की तरह ही मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बाध्य होगी। लेकिन अब समय बदल चुका है अब सभी लोगों को दो से तीन बच्चे होने के बाद निश्चित रूप से परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण को अपना लेना चाहिए ताकि उनके बच्चों का भविष्य सुखद और सफल हो सके।
परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर राज्य सरकार देती है प्रोत्साहन राशि : योगेश
सदर अस्पताल मुंगेर में परिवार नियोजन परामर्शदाता के रूप में कार्यरत योगेश कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी के अलावा अस्थाई साधन के रूप में कॉपर टी, एमपीए अंतरा, एमपीए सब कुटेनियस, गर्भ निरोधक गोलियां और कंडोम भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लाभार्थी को सामान्य महिला बंध्याकरण पर 2000 रुपए और उसके उत्प्रेरक को 300 और प्रसव के सात दिनों के अंदर महिला बंध्याकरण करवाने वाली महिलाओं को 3000 रुपए और उसके उत्प्रेरक को 400 रुपए दिया जाता है। इसी प्रकार पुरुष नसबंदी करवाने वाले लाभार्थी को 3000 रुपए और उसके उत्प्रेरक को 400 रुपए दिया जाता है। इसी प्रकार से कॉपर टी लगवाने पर लाभार्थी को 300 रुपए और एमपीए अंतरा या सब कुटेनियस लगवाने पर लाभार्थी को 100 रुपए दिया जाता है।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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