-स्वास्थ्यकर्मी से दवा लेकर उसे बाद में खाने की जिद न करें, भूखे पेट दवा नहीं खाएं
-जिले में चल रहा एमडीए अभियान, अभियान को सफल बनाने में करें अपना सहयोग
बांका, 14 फरवरी-
जिले में फाइलेरिया को लेकर एमडीए अभियान चल रहा है। इसके तहत जिले के 24 लाख लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाए जाने का लक्ष्य है। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवा खिला रहे हैं। अभियान के दौरान देखा जा रहा है कि कुछ लोग दवा को सामने नहीं खाने की जिद करते हैं। दवा लेकर रख देते हैं। ऐसा नहीं करें। दवा को स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाएं। दवा सामने ही खाने से ज्यादा अच्छा रहेगा। यदि कोई समस्या भी होगी तो तत्काल उसका समाधान किया जाएगा। एक और बात जरूरी है कि दवा को भूखे पेट नहीं खाएं। भूखे पेट दवा खाने से परेशानी होने की आशंका रहती है। हालांकि यह परेशानी थोड़ी देर के लिए होती और कुछ समय बाद यह ठीक हो जाती है।
प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल कहते हैं कि कोई भी अभियान तभी सफल होता है जब लोग इसमें सहयोग करें। अभी एमडीए अभियान के तहत जिले में अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जा रही है। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता या आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका या फिर वॉलेंटियर लोगों के घर जाते हैं तो लोगों को उनकी बात माननी चाहिए। अगर वे सामने ही दवा खाने को कहते हैं तो इसमें आपकी ही भलाई है। लोगों को यह समझना चाहिए कि कोई भी नियम बनता है तो वह आमलोगों के हित के लिए होता । इसलिए लोगों से मेरी अपील है कि इस अभियान में अपना सहयोग करें।
कोई भी व्यक्ति छूटे नहीं, इसका रखा जा रहा ध्यानः वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि जिले में अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और वॉलेंटियर क्षेत्र में जाकर लोगों को गोली खिलाने का काम कर रहे हैं। अभियान के दौरान एक भी व्यक्ति छूट नहीं जाए, इसका विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। 10 फरवरी से शुरू हुआ अभियान 14 दिनों तक चलेगा। इसके तहत दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जा रही है। अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जा रही है। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जा रही है। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जा रही है। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जा रही है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।
रिपोर्टर
Swapnil Mhaske
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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