जिले में 10 फरवरी से शुरू हो रहा है एमडीए अभियान, तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा स्वास्थ्य विभाग
इसके तहत आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाएंगी
भागलपुर, 6 फरवरी
जिले में एमडीए अभियान का आगाज 10 फरवरी को रहा है। इसके तहत जिले के दो साल से अधिक उम्र के लोगों को फाइलेरिया की दवा अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जानी है। गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। माइक्रो प्लान बन चुका है। अभी आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में परिवारों की सूची बना रही हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि अभियान के दौरान काम करने वाली एक आशा कार्यकर्ता को अधिकतम 2400 रुपये का भुगतान हो सकेगा। प्रति 50 परिवार को दवा खिलाने पर उन्हें 600 रुपये दिया जाएगा। 200 परिवारों को दवा खिलाने पर उन्हें अधिकतम 2400 रुपये दिया जाएगा। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका या फिर वॉलेंटियर इस काम को करेंगे और उन्हें यह राशि दी जाएगी।
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रविकांत कहते हैं कि आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों के नाम रजिस्टर में दर्ज कर रही हैं। वे रजिस्टर में लिख रही हैं कि किस परिवार में कितने लोग हैं और इनमें से कितने लोगों को दवा खिलानी है। इससे अभियान के दौरान मदद मिलेगी और एक-एक लाभुकों को दवा खिलाई जा सकेगी। 10 फरवरी से जब दवा खिलाने के लिए आशा कार्यकर्ता जाएंगी तो उनके पास पूरी सूची रहेगी कि किस परिवार में किसे दवा देनी है। अगर किसी घर से कोई व्यक्ति बचा रह जाता है तो उन्हें मालूम रहेगा कि उसे दूसरे दिन दवा खिलानी है। साथ ही अभियान के दौरान अपने सामने ही आशा कार्यकर्ता दवा खिलाएंगी।
इन लोगों को खिलाई जाएगी दवाः प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जाएगी। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जाएगी। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाना है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।
रिपोर्टर
Aishwarya Sinha
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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