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पटना जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी ने 3 टीबी मरीजों को लिया गोद


निश्चय मित्र बन लोग करें टीबी मरीजों की मदद - डॉ. कुमारी गायत्री सिंह  

गोद लिए गए मरीजों के बीच हुआ पोषण सामग्री का वितरण 


पटना/ 31 जनवरी -


 जिला यक्ष्मा कार्यालय में मंगलवार को यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुमारी गायत्री सिंह ने 3 टीबी मरीजों को गोद लेकर समुदाय के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया. जिला यक्ष्मा कार्यालय में गोद लिए गए मरीजों के बीच डॉ. सिंह ने पोषण सामग्री वितरित की. इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा कि टीबी मरीजों को रोग से जल्दी उबरने के लिए दवा के पूरे कोर्स के सेवन के साथ पौष्टिक आहार का सेवन भी आवश्यक होता है. ज्यादातर टीबी मरीज समाज के हाशिये पर रह रहे समुदाय से होते हैं और उन्हें अपने पोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरुरी संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं.    

3 टीबी मरीजों को लिया गया गोद:

जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा द्वारा जिले के 3 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है. ये मरीज हैं- रंजन कुमार, जैदुल मोबिन एवं रिंकी देवी. तीनो मरीज पटना शहर के निवासी हैं. गोद लिए गए मरीजों ने डॉ. कुमारी गायत्री सिंह एवं जिला यक्ष्मा कार्यालय का आभार जताया और कहा कि इससे उन्हें टीबी को मात देने में मदद मिलेगी. 

टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए सभी को आना होगा आगे: 

इस अवसर पर डॉ. कुमारी गायत्री सिंह ने कहा कि टीबी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को जल्दी जकड़ता है. इसलिए जरुरी है कि दैनिक खानपान में पौष्टिक तत्वों का समुचित समावेश किया जाए जिससे शरीर स्वस्थ हो सके. सरकार द्वारा यक्ष्मा मरीजों को जांच एवं दवा निशुल्क उपलब्ध करायी जाती है. उन्होंने बताया कि यक्ष्मा पीड़ित मरीजों को नियमित दवा सेवन के साथ अपने पोषण की जरूरतों का भी ध्यान रखना चाहिए. दवा का सेवन पूरे 6 महीने तक लगातार करनी चाहिए जिससे कि व्यक्ति रोग को मात दे सके. डॉ. सिंह ने बताया कि यक्ष्मा पीड़ित मरीजों को टीबी की दवा कभी भी बीच में नहीं छोड़नी चाहिए अन्यथा उनकी टीबी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी में तब्दील हो सकती है जो खतरनाक है और जानलेवा साबित हो सकती है.        

टीबी मरीजों को गोद लेकर प्रस्तुत करें उदाहरण:

जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए लोगों से संपर्क किया जा रहा है. निक्षय मित्र बनने की इच्छा रखने वाले लोग जिला यक्ष्मा केंद्र या निक्षय मित्र के पोर्टल पर जा कर स्वयं अपना  रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. जिले में लोग निक्षय मित्र बनने के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन अभी और लोगों को आगे आने की जरूरत है. विदित हो कि योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, राजनीतिक दल के  लोग, गैर सरकारी संस्था के लोग या जनप्रतिनिधि तथा आमजन टीबी के मरीज को गोद ले सकते हैं. इस योजना के तहत 6 महीना से लेकर 3 साल तक किसी भी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण एवं आजीविका के लिए जरूरी मदद उपलब्ध करा सकते हैं

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Swapnil Mhaske

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