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● टीबी मरीज होते हुए भी औरों को डॉट्स के नियमित एवं जाँच को करते हैं प्रेरित
● टीबी की समय रहते जाँच व डॉट्स ही इससे मुक्त होने के मूल मंत्र
जमुई-
अप्रवासी मजदूर व जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड के गौरा गाँव के 30 वर्षीय दीपक माली का जीवन भली भांति चल रहा था | वर्ष 2020 के मार्च माह की शुरुआत में तेज बुखार, लगातार खांसी, कमजोरी और खखार में खून की बूँदें जैसी शिकायतों से जिंदगी का अस्तव्यस्त होना लाजिमी था | जैसा कि अक्सर ग्रामीण परिवेश में देखने को मिलता है कि लोग स्थानीय स्तर पर प्रथम उपचार करने वाले प्रैक्टिशनर से उपचार कराने में और संबंधित जाँच के अभाव में सही खुराक न मिलने पर बीमारिओं की प्राथमिक स्तर पर पहचान नहीं हो पाती है| ठीक दीपक माली के साथ भी यही हुआ | इसी क्रम में वरीय टीबी पर्यवेक्षक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, लक्ष्मीपुर से परामर्श के उपरांत आवश्यक जाँच पटना में कराने के बाद टीबी के सेकंड लाइन ट्रीटमेंट यानि एमडीआर की डॉट्स के तहत दवा खा रहे दीपक माली कहते हैं कि मैं फेफड़े की टीबी से संक्रमित हुआ था |
पूर्णतः ठीक होने के पश्चात भी बगैर चिकित्सीय सलाह के दवाई नहीं छोडूंगा
उचित जानकारी के अभाव में ससमय सही चिकित्सीय उपचार न हो पाने की स्थिति में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा | लेकिन अब पूर्ण इलाज करा रहा हूँ और पूर्णतः ठीक होने के पश्चात भी बगैर चिकित्सीय सलाह के दवाई नहीं छोडूंगा | अपने परिवार के सदस्यों का भी इनमें से कोई एक लक्षण होने पर जिला टीबी केंद्र में जाँच कराने में संकोच नहीं करता हूँ |इन्होंने जीवन की इन चुनौतियों से सीख लेते हुए ये तय कर लिया है कि जीवन के अंतिम समय तक टीबी संबंधित जानकारियों और ब्यापक स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार करते रहेंगे ताकि इससे रोकथाम संभव हो सके और कोई भी मेरी तरह मुश्किलों से न गुजरे |
इसके जिले स्तर पर गठित टीबी मुक्त वाहिनी संगठन से जुड़कर गाँव-गाँव में जाकर इसके अंतर्गत डॉट्स के महत्व और नियमित जांच के बारे में संगठन के प्रयासों में भागीदारी कर रहे हैं| इस प्रयास की यात्रा में अनुभव जोड़ते हुए खैरा प्रखण्ड की टीबी चैम्पियन राजीव रावत ने बताया कि मैं अपने संक्रमित होने की जानकारी तो बताता ही हूँ और जिले में 150 से अधिक मरीजों को मुख्या धारा से जोड़ने में दीपक माली का भी साथ मिल रहा है| हम लोग औरों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं | इसमें विभागीय अधिकारीगण का भी साथ मिलता रहा है |
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी:
दीपक माली की पहल की सराहना करते हुए डा• रमेश प्रसाद, विभागीय प्रभारी एवं अवर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी बताते हैं कि इन जैसे युवाओं के जागरूक होने से टीबी के संबंध में जागरूकता को बल मिला है और डॉट्स का प्रभाव आशा अनुरूप हो रहा है |
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar